Monday 15 February 2021

Tech Duniya- History of most important gadgets : Bluetooth

  Tech Duniya - History of Bluetooth most important gadgets of today world.  

In this you will get entirely to know how Bluetooth invented and came in this world.

But I am Indian so my important article will be in Hindi.

Bluetooth




 ्््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््  ब्लूटूथ कौन ?

ब्लूटूथ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया। ब्लूटूथ से आज डाटा और फाइलें शेयर की जाती हैं। बिना इसके बहुत से काम हमारे रुक जाते हैं। आज के समय में तो जिस जिस  भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में देखें उसमें ब्लूटूथ देखने को मिलता है।

क्यों ना आज ब्लूटूथ की हिस्ट्री को जानते हैं कि कैसे हमारे ब्लूटूथ चाचा इस दुनिया में आए कैसे ब्लूटूथ चाचा के जिंदगी शुरू हुई चलो शुरू करते हैं!


ब्लूटूथ का इतिहास

हमारे ब्लूटूथ चाचा को शुरू में शॉर्टलिंक रेडियो का नाम मिला । हमारे ब्लूटूथ चाचा ने इस दुनिया में 1989 में एकदम कदम रखा । उन्हें इस दुनिया में लाने का काम हमारे नील्स रायडबेक ने किया तो यह हमारे दादा हुए क्योंकि ब्लूटूथ के  तो ये पापा हुए कि नहीं।

धीरे-धीरे यह खबर फैलने लगी । फिर 1997 में दो कंपनियों ने नील्स से बात कर इसे मोबाइलों में डालने की बात करने लगे फिर बाद में एक मुश्किल आने लगी कि जो हमारे ब्लूटूथ चाचा यह बिजली बहुत खाने लगे अब वह सभी समझ नहीं पा रहे कि करें क्या , चाचा का इस्तेमाल भी कर सके और वह बैटरी भी कम खाए फिर इसके बाद हमारे ब्लूटूथ चाचा की जिंदगी बदलने पहुंचे नोकिआ और तोशीबा ।  दोनों ने मिलकर हमारे चाचा को कर दिया फेमस।
फिर हमारे ब्लूटूथ चाचा और अच्छा बनाने का काम होने लगा। उनमें नई नई चीजें डाल ली जाने लगी आखिर मई 1998 में ब्लूटूथ एस.ई.जी  को आईबीएम और चार इसके प्रमुख मेंबर इंटल , नोकिया , तोशीबा और ईरिससोन के द्वारा लांच किया गया।


ब्लूटूथ का विस्तार 

पहले कंज्यूमर ब्लूटूथ डिवाइस को 1999 में लांच किया गया अब धीरे-धीरे हमारे ब्लूटूथ चाचा घर घर पहुंचने लगे लोग इन को सबसे ज्यादा पसंद करने लगे उस समय का राजा बन चुके थे हमारे ब्लूटूथ चाचा।

अभी तो वह केवल अकेले अकेले ही उनकी इस्तेमाल हो रहा था लेकिन अब आईबीएम जी ने उनकी दोस्ती नोटबुक से करा थीम पैड 31 को लांच किया फिर उसके बाद जब उनकी दोस्ती मोबाइल से हुई तो पूरी दुनिया देखती रह गई हमारे ब्लूटूथ चाचा जी के कारण यह ईरिससोन की 33 को " बेस्ट शो टेक्नोलॉजी अवार्ड"  मिला ।

धीरे-धीरे हमारे बिल्कुल चाचा और फेमस होते चले गए और आज इतने फेमस हैं कि हर घर में हर डिवाइस में हैं आज भी हमारे ब्लूटूथ चाचा अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं।

मुझे आशा है आपको यह हिंदी हिस्ट्री की अच्छी लगी होगी और एक दुनिया ने आपको एक सबसे अच्छा कॉन्टेंट प्रोवाइड किया होगा। 
एक दुनिया आपके लिए ऐसे ही अनेक हिस्ट्री अलग-अलग डिवाइसों की लाता रहेगा। 

धन्यवाद!

हमें आशा है कि Tech Duniya का प्रयास आपको अच्छा लगा होगा ऐसे ही स्टोरी पढ़ने के लिए हमारे इस ब्लॉग को विजिट करें।




Friday 12 February 2021

कुच्ह सिखा खिड़की से !!

  मै अपना पेहला वलोग एक सलाह के साथ शुरु कर रहा हू। 

आज सेलुलर फोन, मोबाइल कंप्यूटर और अन्य हाई-टेक गैजेट्स की महानगरीय दुनिया में जीवन न केवल व्यस्त है, बल्कि एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति से दुर रह्ता है । हम पैसा बनाते हैं और फिर अपना समय और प्रयास अधिक पैसा बनाने में लगाते हैं। क्या यह समाप्त होता है? आमतौर पर नहीं क्योंकि हम कभी संतुष्ट नहीं होते हैं। कितनी बार हमने खुद को समझाया  है कि अगर केवल हमारे पास कुछ और पैसा होता, तो जीवन इतना मीठा होता? लेकिन, एक पुरि  वृद्धि प्राप्त करने के बाद, हमें एहसास हुआ कि यह पुरा नही था  और हमें और अधिक की आवश्यकता है?

तुम्हे क्या करना चाहिए?

मैंने जीवन पर कई किताबें पढ़ी हैं जैसे कि रॉबिन शर्मा का भिक्षु यह कहता है और भिक्षु ऐसा कहता है, और वे सभी कहते हैं कि धन आवश्यक नहीं है। लेकिन यह है। क्या आप बिना कैश और इसके बहुत कुछ कर सकते हैं? मुझे पता है कि मैं नहीं कर सकता


इसलिए, मैं पड़ोस में रब्बी के पास गया और उनसे सलाह मांगी, जिससे मुझे जीवन में अपना सही रास्ता मिल सके।

रब्बी सिर हिलाकर मुझे खिड़की पर ले गया। "क्या देखती है?" उन्होंने मुझसे पूछा।इसके तुरंत बाद, मैंने उत्तर दिया, "मैं लोगों को टहलते हुए देख सकता हूँ और एक अंधा आदमी बाएं कोने पर भिक्षा माँग रहा है।"

ब्बी ने सिर हिलाया और मुझे एक बड़े दर्पण के लिए निर्देशित किया। "अब देखो और मुझे बताओ कि तुम क्या देख रहे हो?"

"मैं अपने आप को देख सकता हूं," मैंने जवाब दिया।

रब्बी मुस्कुराया। "अब आप किसी और को नहीं देख सकते। दर्पण और खिड़की दोनों एक ही कच्चे माल से निर्मित होते हैं: कांच, लेकिन क्योंकि उनमें से एक पर उन्होंने चांदी की एक पतली परत लागू की है, जब आप इसे देखते हैं तो आप सभी अपना स्वयं का प्रतिबिंब देख सकते हैं। "


रब्बी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा। “अपने आप की तुलना उन दो टुकड़ों से कीजिए। चांदी की परत के बिना, आपने अन्य लोगों को देखा और उनके लिए दया महसूस की। जब आप चांदी से ढके होते हैं, तो आप केवल खुद को देखते हैं। मैंने रब्बी को देखा और घूरने लगा। "मुझे समझ नहीं आया।"

रब्बी जारी रहा। "आप केवल तभी किसी के लिए बनेंगे, जब आप फिर से दूसरों को देखने और प्यार करने के लिए अपनी आंखों पर ढंके हुए चांदी को हटाने का साहस करेंगे।" उसने मुझे अपनी पीठ पर थपथपाया और मुझे रास्ते में भेज दिया।मैंने सोचा कि उसने क्या कहा और इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उसके पास एक बिंदु था। हाँ। हमें धन की आवश्यकता है और हमें धनहीन अस्तित्व का लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए; यह व्यर्थ है और भविष्य में केवल हमें और हमारे परिवारों को कई दिल टूटने का कारण होगा।


इसके बजाय, मेरा सुझाव है कि हमें रब्बी ने मुझे जो सलाह दी है, उसका पालन करना चाहिए। जब हम एक चांदी के आवरण के माध्यम से जीवन को प्राप्त करते हैं, तो हम जो कुछ भी देख सकते हैं वह स्वयं है लेकिन उस आवरण को त्याग दें, और आप बाकी सभी को देख और महसूस कर पाएंगे।

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